नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क आई मादा चीता की मौत
पहले हो चुका था किडनी इन्फेक्शन
जेएन कंसोडिया ने की पुष्टि
भोपाल। श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में सोमवार को एक चीते की मौत हो गई। नामीबिया से लाई गई मादा चीता कई दिनों से बीमार थी। साशा नाम की चीता की किडनी खराब होने से सोमवार सुबह मौत हुई है। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने इसकी पुष्टि की है।
अफ्रीका से चीतों के दो जत्थे भारत आए थे। पहला जत्था पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से आया था। इस जत्थे में आठ चीते थे जिन्हें कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। इसके बाद बीते फरवरी के महीने में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा जत्था भारत आया था। इन 12 चीतों में सात नर और पांच मादा शामिल थीं। इन्हें भी कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। वन विभाग के अतिरिक्त प्रभारी जेएन कंसोटिया ने इसकी पुष्टि की है। बता दें कि भारत में 70 साल बाद चीतों को बसाने के प्रोजेक्ट चीता के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को रिलीज किया था। इन चीतों को पहले तो एक से डेढ़ महीने तक छोटे क्वारंटाइन बाड़ों में रखा गया। वहां उन्हें भैंसे का मीट खिलाया गया। फिर एक.एक कर इन चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गयाए जहां उनके खाने के लिए चीतल जैसे जानवरों को छोड़ा गया था। इन्हीं में एक शाशा की तबीयत बिगड़ी थी। उसे किडनी में इन्फेक्शन हो गया था। शाशा लंबे समय से बीमार थी।