बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने किया विंध्य जनता पार्टी का ऐलान
भोपाल। भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी ने विंध्य जनता पार्टी का ऐलान कर अपनी ही पार्टी के नेताओं की नींद उड़ा दी है। विंध्य के मुद्दों को मुखरता से उठाकर अपनी ही पार्टी को परेशानी में डालने वाले त्रिपाठी के इस कदम से कई हैरान है तो कई परेशान। राजनीतिक पंडितों ने इस घोषणा और इसके असर का आकलन करना शुरू कर दिया है। उनके मुताबिक त्रिपाठी की नजर विंध्य की 30 सीटों पर है और वह इस इलाके के सबसे बड़े ब्राह्मण नेता की पहचान बनाने की कोशिश में हैं।
मध्यप्रदेश के विंध्य इलाके में 30 सीटें आती हैं। 2018 में इन 30 में से 24 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इसके बाद भी विंध्य इलाके को मंत्रिमंडल समेत अन्य प्रतिनिधित्व में कुछ खास नहीं मिला। ऐसे में नारायण त्रिपाठी ने उस रिक्त स्थान को भरने के लिए पार्टी बनाने की घोषणा की है जो कभी अर्जुन सिंह और श्रीनिवास तिवारी जैसे नेताओं का हुआ करता था। अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह राहुल भैया तो खुद ही पिछला चुनाव हार गए थे। इस वजह से 2018 में सरकार बनने के बाद भी वह हाथ मलते रह गए थे। वहीं, भाजपा की बात करें तो रीवा के दिग्गज नेता राजेंद्र शुक्ल भी इस बार कुछ खास हासिल नहीं कर सके। नारायण त्रिपाठी उस रिक्त स्थान को भरना चाहते हैं। इसी वजह से पिछले दिनों उन्होंने भोपाल में अर्जुन सिंह की प्रतिमा का मुद्दा उठाकर अपनी ही राज्य सरकार को चुनौती दी। उसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद ही अर्जुन सिंह की प्रतिमा का लोकार्पण किया था।
राजनीतिक विश्लेषक प्रभु पटैरिया की माने तो विंध्य को अलग राज्य बनाने की मांग पुरानी है। छत्तीसगढ़ के अलग होने से पहले से लोग विंध्य को अलग करने की मांग करते रहे हैं। इस इलाके में ब्राह्मण और ठाकुरों की राजनीति चलती है। इसे ध्यान में रखते हुए नारायण त्रिपाठी ब्राह्मणों के सर्वमान्य नेता के तौर पर खुद को स्थापित करना चाहते हैं। इस वजह से वे 30 सीटों पर लगातार काम कर रहे हैं। वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि नारायण त्रिपाठी ब्लैकमेल की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें सरकार में पद चाहिए, जिसके लिए वह विंध्य प्रदेश का राग अलाप रहे हैं।