राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश के निर्माण श्रमिकों की पेंशन योजना की बंद
भोपाल । राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के निर्माण श्रमिकों की पेंशन योजना बंद कर दी है। वर्ष 2013 में शुरू की गई मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार पेंशन योजना पिछले 11 वर्ष से श्रम विभाग द्वारा प्रदेश में चलाई जा रही थी।
इस योजना के अंतर्गत राज्य भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को एक हजार रुपये प्रति माह पेंशन देने का प्रविधान किया गया था। अब केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना आ गई है, जिसमें 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके प्रत्येक मजदूर को तीन हजार रुपये प्रति माह पेंशन मिलने का प्रविधान है।
*मप्र की पेंशन योजना में ये थे प्रविधान*
भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक पेंशन योजना 2013 के तहत विगत पांच वर्ष से निरंतर वैध परिचय पत्रधारी निर्माण श्रमिक भारत सरकार द्वारा संचालित स्वावलंबन पेंशन योजना के प्रविधान अनुसार स्वयं वार्षिक मासिक अंशदान वर्ष में न्यूनतम एक हजार रुपये पीएफआरडीए (पेंशन फंड डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन अथारिटी) द्वारा पंजीकृत एग्रीगेटर संस्था से जमा करता हो को योजना अंतर्गत लाभ की पात्रता थी। इस योजना के अंतर्गत निर्माण श्रमिक को एक हजार रुपये पेंशन की पात्रता थी।
*पीएम श्रम योगी मानधन योजना में तीन हजार रुपये मिलेगी पेंशन*
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के अंतर्गत प्रत्येक मजदूर को प्रतिमाह तीन हजार रुपये पेंशन मिलेगी। यह पेंशन मजदूरों की कांट्रिब्यूशन के आधार पर मिलेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक माह 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक का योगदान करना होगा। इस योजना में 50 फीसदी लाभार्थी और 50 फीसदी राशि सरकार अपनी तरफ से देती है अगर किसी पेंशनर की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके पत्नी या पति को पेंशन की राशि मिलेगी। ऐसे में हर पेंशनर को 36,000 रुपये का पेंशन सालाना रूप से मिलेगा।