सोमवार, 25 सितम्बर 2023

फिल्म द केरला स्टोरी और कश्मीर फाइल्स से सीख ले युवा पीढ़ी - साध्वी डॉ विश्वेश्वरी देवी

फिल्म द केरला स्टोरी और कश्मीर फाइल्स से सीख ले युवा पीढ़ी - साध्वी डॉ विश्वेश्वरी देवी
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भोपाल। श्रीराम कथा करने भोपाल आईं साध्वी डॉ विश्वेश्वरी देवी ने गुरुवार को प्रेस से चर्चा की।  उन्होंने कहा -युवा पीढ़ी को ‘द केरला स्टोरी’ और ‘कश्मीर फाइल्स’ जैसी फिल्मों से सीख लेना चाहिए। जिस तरह आज हिंदू युवतियों के साथ लव जिहाद व धर्मांतरण जैसे कुचक्र चल रहे हैं और छद्म पहचान बनाकर षडय़ंत्र किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में हिंदू समाज की बेटियों को और पूरे समाज को सतर्क रहने और दुष्चक्र का तुरंत विरोध करने की जरूरत है। आजकल का युवा आधुनिकता की दौड़ में अपने मूल को छोड़, विकारों को अपना रहा है। ये पतन की ओर ले जाएंगे। धर्म-संस्कृति और संस्कारों से जुडक़र ही हम सुरक्षित रह सकते हैं यही राम कथा का उद्देश्य है। 
           साध्वी ने बाल्मीकि रामायण पर पीएचडी की है। उन्होंने कहा हमारी संस्कृति के विपरीत घर-घर में सीरियल और विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं। युवा पीढ़ी का ब्रेनवाश किया जा रहा है। हम बच्चों को बताएं कि उन्हें क्या ग्रहण करना चाहिए और क्या नहीं। हमें हमारी सनातन संस्कृति और राम-कृष्ण के संस्कारों- विचारों को घर-घर तक पहुंचाना चाहिए। हम अपने बच्चों को धर्म- संस्कृति और संस्कारों से जोड़ कर रखें, वरना वह दिन दूर नहीं जो हम शब्दों में भी न बोल सकें। विधर्मियों के अनुचित कृत्यों से सनातन भारत धीरे धीरे पतन की ओर बढ़ रहा है। हमें जागरुक होना पड़ेेगा। हमें अपने बच्चों को बताना चाहिए कि वे राम, कृष्ण और ध्रुव के संस्कारों और विचारों को सीखें और अपने जीवन चरित्र में उतारें। आज स्कूलों में धर्म के विपरीत ज्ञान सिखाया जा रहा है। हम घरों में स्कूल में संस्कृति और संस्कृत से दूर होते जा रहे हैं। हमने व्यासपीठ से भी कहा है कि घर में बच्चों को संस्कृत और संस्कृति का ज्ञान जरूर सिखाएं। क्योंकि बच्चे जैसे ही इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई करने जाते हैं तो वे पूछने लगते हैं कि राम कौन है? कृष्ण कौन है? यानी वे अपनी सनातन संस्कृति को ही भूल जाते हैं। यही नहीं ये संस्थान धर्म और संस्कृति के प्रति हमारे बच्चों को ब्रेनवाश करते हैं। प्रेस वार्ता में संस्कार उत्सव समिति के संयोजक डॉ सुरजीत सिंह चौहान व राकेश शर्मा उपस्थित थे।
पिकनिक स्पॉट नहीं हैं तीर्थ क्षेत्र, मर्यादा का ध्यान रखें -
अब भारत में तीर्थ व धर्म क्षेत्रों के विकास पर काफी काम हो रहा है और इसकी चर्चा है। प्रधानमंत्री द्वारा केदारनाथ, काशी विश्वनाथ सहित महाकाल की नगरी उज्जैन के धर्म क्षेत्रों में सुदृढ़ीकरण का काम किया गया है। भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या को बड़े तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा हैं। यह अच्छी बात है। इससे तीर्थों में बड़ी भीड़ होने लगी है। लोगों का भाव और श्रद्धा भी बड़ी है। पर इतना ध्यान रखें कि यह कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है। तीर्थ स्थानों की पवित्रता और मर्यादा का ध्यान रखा जाना चाहिए।

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